Friday, October 17, 2025

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जमीन संबंधी मामलों का डीएम श्रीकांत शास्त्री ने की समीक्षा, औरंगाबाद सीओ पर व्यक्त की नाराजगी


औरंगाबाद, बिहार।


जिला कलेक्ट्रेट के सभा कक्ष में जिला पदाधिकारी श्रीकान्त शास्त्री (भा.प्र.से.) की अध्यक्षता में राजस्व कार्यों की गहन समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में दाखिल-खारिज, आधार सीडिंग, अभियान बसेरा (फेस-2), अंबेडकर समग्र सेवा समाधान योजना, सीएम डैशबोर्ड, ई-मापी, परिमार्जन प्लस, भू-लगान तथा अतिक्रमण जैसे विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श और प्रगति की समीक्षा की गई।

दाखिल-खारिज मामलों की स्थिति की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि जिले में कुल 85 मामले 75 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं, जिनमें औरंगाबाद सदर अंचल में सर्वाधिक 43 मामले लम्बित पाए गए। इस पर जिला पदाधिकारी ने संबंधित अंचलाधिकारी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए एक सप्ताह के भीतर सभी मामलों का निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। वहीं हसपुरा अंचल में इस अवधि से संबंधित कोई भी लंबित मामला नहीं पाया गया, जिसे संतोषजनक माना गया।

अभियान बसेरा फेस-2 के अंतर्गत अब तक जिले में 2228 लाभुकों का सर्वेक्षण किया गया है, जिनमें से 1524 लाभुकों को भूमि पर्चा वितरित किया जा चुका है। वहीं 659 आवेदक पर्चा वितरण के लिए अयोग्य घोषित किए गए हैं। शेष आवेदनों की यथाशीघ्र जांच कर योग्य लाभुकों को पर्चा वितरण सुनिश्चित करने का निर्देश भी बैठक में दिया गया।

अंबेडकर समग्र सेवा समाधान योजना के अंतर्गत आयोजित विशेष शिविरों में वासगत पर्चा हेतु प्राप्त आवेदनों की समीक्षा करते हुए जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि पात्र आवेदनों की शीघ्र जांच कर चिन्हित भूमि पर पर्चा प्रदान करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए, जिससे वंचित वर्गों को लाभ सुनिश्चित हो सके।

बैठक में आधार सीडिंग की स्थिति की समीक्षा करते हुए यह बताया गया कि जिले में 83 प्रतिशत रैयतों की जमाबंदी रिकॉर्ड को आधार से लिंक किया जा चुका है। शेष कार्य को शीघ्र पूर्ण करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया, ताकि सभी राजस्व अभिलेखों को डिजिटल रूप में अद्यतन और समेकित किया जा सके।

जिला पदाधिकारी ने भूमि सर्वेक्षण कार्यों को सशक्त और सटीक बनाने के उद्देश्य से ई-मापी योजना के क्रियान्वयन पर विशेष बल देते हुए कहा कि खेत स्तर पर डिजिटल नक्शों का सत्यापन और अद्यतन कार्य तेज गति से कराया जाए। इससे न केवल भू-संबंधी विवादों में कमी आएगी, बल्कि जमाबंदी आधारित सत्यापन की प्रक्रिया भी पारदर्शी और प्रभावी होगी।

परिमार्जन प्लस योजना के तहत जमाबंदी रिकॉर्ड में त्रुटियों के सुधार, अद्यतन और समयबद्ध प्रविष्टि के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना भूमि अभिलेखों की सटीकता सुनिश्चित करने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसके प्रभावी क्रियान्वयन से राजस्व योजनाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार आएगा।

बैठक में भू-लगान की अद्यतन स्थिति, अतिक्रमण की पहचान और उसकी कार्रवाई, तथा भूमि विवादों के समाधान की दिशा में की गई प्रगति की भी समीक्षा की गई। जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रत्येक शनिवार को सभी अंचल कार्यालयों में भूमि विवाद संबंधी मामलों की बैठक गंभीरता से आयोजित की जाए, ताकि विवादों का त्वरित और न्यायसंगत निष्पादन सुनिश्चित किया जा सके।

इस अवसर पर अपर समाहर्ता अनुग्रह नारायण सिंह, अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन उपेंद्र पंडित, सदर अनुमंडल पदाधिकारी संतन कुमार सिंह, प्रभारी राजस्व शाखा बेबी प्रिया सहित जिले के सभी अंचलाधिकारी एवं राजस्व पदाधिकारी उपस्थित थे।

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