हिन्द एक्सप्रेस न्यूज़, औरंगाबाद, बिहार।
तालाब में गए गेंद को निकालने के दौरान 2 बच्चों की डूबने से मौत हो गई है। यह घटना
जिला मुख्यालय पर स्थित सिन्हा कॉलेज के बगल में बैजनाथ बिगहा गांव की है। जहाँ एक तलाब में गई गेंद को निकालने के लिए 5 बच्चे उतर गए। इस दौरान गहरे पानी में जाने से 2 बच्चों की मौत हो गई। वहीं 3 किसी तरह जान बचाकर बाहर निकले। मृत बच्चों की पहचान उसी गांव के 12 वर्षीय राकेश और 10 वर्षीय आयुष के रूप में की गई है।
औरंगाबाद जिला मुख्यालय के सिन्हा कॉलेज-पोईवां रोड स्थित बैजनाथ बिगहा गांव में सोमवार की शाम तालाब में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई थी। हालांकि शव मंगलवार को निकाले जा सके।
ग्रामीणों ने बताया कि बैजनाथ बिगहा गांव के तालाब के पास बच्चे गेंद खेल रहे थे। इसी बीच गेंद तालाब में जा गिरी। जिसे निकालने के लिए 5 बच्चे तालाब में उतरे। जिसमें से 2 बच्चे गहरे पानी में चले गए। जिसके कारण डूबने से उनकी मौत हो गई।
बैजनाथ बिगहा गांव निवासी प्रमोद उर्फ साधु यादव के 12 वर्षीय पुत्र राकेश का शव सोमवार की शाम को ही तालाब से बरामद कर लिया गया था। वहीं दूसरे बच्चे का शव मंगलवार को बरामद हुआ। जिसकी पहचान बैजनाथ बिगहा गांव निवासी गुड्डू कुमार के 10 वर्षीय पुत्र आयुष कुमार के रूप में हुई है।
वैसे मृतक आयुष का पैतृक गांव मदनपुर थाना क्षेत्र के गोशपुर गांव में है। दो बच्चों की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने बैजनाथ बिगहा गांव के समीप औरंगाबाद-पोईवां पथ की जाम कर दिया। इस दौरान आक्रोशितों, ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर इस घटना में उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
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आक्रोशितों ने लगभग तीन घंटे तक सड़क को जाम कर रखा ग्रामीणों ने बताया कि एक बच्चे के तालाब में डूबे होने की सूचना पर रात में अधिकारियों एवं पुलिस प्रशासन को कई बार फोन लगाया गया, लेकिन किसी ने भी संज्ञान नहीं लिया। इतना ही नहीं गोताखोरों के नही रहने के बाद भी जब शव ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाल लिया गया तब थानाध्यक्ष ने शव लेकर नगर थाना आने को कहा। ग्रामीणों का आरोप है कि इससे साफ जाहिर होता है की तालाब में डूबकर दो मौत के बाद भी प्रशासन कितना संवेदनशील है। हालांकि कुछ पुलिस बलों को रात्रि में भेजकर खानापूर्ति की गई थी। सड़क जाम के दौरान ग्रामीण मृतक बच्चों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। बच्चों के शव मिलने की जानकारी मिलते ही जिला पार्षद अनिल यादव एवं राजद नेता डॉ रमेश यादव घटना स्थल पर पहुंचे और पूरी मामले की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि यह घटना काफी हृदय विदारक है।

ग्रामीण प्रशासनिक पदाधिकारियों के रवैए से काफी नाराज हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण रात से ही गोताखोर की मांग करते रहे थे और घटनास्थल पर अधिकारियों के आने का आग्रह कर रहे थे लेकिन उनकी तरफ से उदासीनता बरती गई। अंततः स्थानीय लोगों ने खुद तालाब से बच्चों के शव को बाहर निकाला।
सड़क जाम की सूचना पर औरंगाबाद बीडीओ घटनास्थल पर स्थल पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि आक्रोशित किसी की भी बात सुनने को तैयार नही थे और मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। बीडीओ ने ऐसा प्रावधान नहीं होने की बात कहकर मुआवजे की राशि तुरंत न दे पाने में अपनी असमर्थतता जताई। अंत में वरीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद काफी मनौवल के बाद सड़क को जाम से मुक्ति मिली।

इसके बाद नगर थाना की पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराकर दाह संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया है।
दो बच्चों की मौत के बाद गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। नगर थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह के बताया कि शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम किया था। मांग पूरी होने की बात पर सभी को हटाया गया और परिचालन शुरू किया गया। इधर शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।