Tuesday, July 8, 2025

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दानी बिगहा बस स्टैंड को लेकर हुए विवाद में जिला परिषद ने तोड़ी चुप्पी, दान नहीं सीलिंग एक्ट में जब्त भूमि पर हुआ है निर्माण

औरंगाबाद, बिहार।

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औरंगाबाद- जिला मुख्यालय पर स्थित दानी बीघा बस स्टैंड के नामकरण को लेकर एक स्थानीय युवक द्वारा विरोध का जिला परिषद ने करारा जवाब दिया है।जिला परिषद सदस्य शंकर यादवेन्दु ने बताया कि भरथौली गांव निवासी स्वर्णजीत सिंह नाम का जो व्यक्ति दानी बीघा बस स्टैंड को अपने दादा की जमीन पर बताकर नामकरण का विरोध कर रहा है। स्वर्णजीत जमीन को अपने दादा द्वारा बिहार सरकार को दान देने का दावा कर रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि जमीन दान नहीं दी गई थी बल्कि उस जमीन को बिहार सरकार ने सीलिंग एक्ट के अंतर्गत जब्त किया था।

शंकर यादवेन्दु ने बताया कि वह जमीन जिला परिषद को जिला प्रशासन द्वारा दी गई थी। इससे पहले जिला प्रशासन ने डीएम निवास, एसपी निवास, सिविल सर्जन निवास और अन्य गतिविधियों के लिए जो जमीन जिला प्रशासन को मुहैया कराया था, उसी जमीन के बदले में जिला प्रशासन ने दानी बीघा का भूखंड उपलब्ध करवाया था। उसी भूखंड में सत्येंद्र नारायण सिन्हा पार्क बना है। जबकि उस पर स्थानीय युवक स्वर्णजीत द्वारा कोई भी बात नहीं किया जा रहा है। जबकि रामविलास सिंह यादव के नाम पर बने बस स्टैंड का विवाद किया जा रहा है। यह विवाद इसलिए किया जा रहा है कि रामविलास सिंह के नाम के आगे ‘यादव’ लगा हुआ है।


शंकर यादवेन्दु ने जिला प्रशासन से तत्काल स्वर्णजीत सिंह को गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि वह एक सिरफिरा व्यक्ति है। जिसने दो बार से दानी बीघा बस स्टैंड में रामविलास सिंह यादव के नाम के बोर्ड को तोड़ दिया है। जिसका नामजद एफआईआर कराया गया है। पुलिस को तत्काल उसे गिरफ्तार करना चाहिए।

रामबिलास सिंह यादव बस स्टैंड को लेकर जिला परिषद सभागार में बैठक करते जिला परिषद सदस्य (फ़ोटो- राजेश रंजन)

ज्ञात हो कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भरथौली गांव निवासी स्वर्णजीत सिंह ने पूर्व सांसद व पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार को एक ज्ञापन दिया था। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि दानी बीघा बस स्टैंड की जमीन उनके दादा भरथौली निवासी रामविलास सिंह ने जिला प्रशासन को दान में दी थी। जबकि उस बस स्टैंड का नामकरण रामविलास सिंह यादव पूर्व मंत्री के नाम पर किया जा रहा है जो कि सरासर गलत है। यह जमीन उनके दादा ने दान दी थी और यह बस स्टैंड भी उनके दादा के नाम पर ही होनी चाहिए। हालांकि स्वर्णजीत सिंह पर फरवरी महीने में पूर्व मंत्री रामविलास सिंह यादव के नाम से लगाए गए बोर्ड को तोड़ने का नामजद एफआईआर दर्ज है।

जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि शैलेश यादव और औरंगाबाद जिला परिषद सदस्य अनिल यादव ने कहा कि वे पूर्व सांसद निखिल कुमार से कहना चाहते हैं कि उन्हें जानकारी होनी चाहिए। यह कोई दान की जमीन नहीं है बल्कि सीलिंग एक्ट में जब्त की गई भूमि है। इसलिए पूर्व सांसद को ऐसे मामलों में सोच समझकर आना चाहिए।

कौन थे रामविलास सिंह यादव

रामविलास सिंह अपने समय के प्रसिद्ध समाजवादी नेता थे जिनका मगध क्षेत्र में काफी दबदबा था। वह 1967 से लगातार 8 बार विधायक निर्वाचित हुए थे। वह चार बार बिहार सरकार के कैबिनेट में मंत्री भी रहे थे। उन्हीं के नाम पर औरंगाबाद शहर में दानी बिगहा बस स्टैंड का नामकरण किया गया है और मूर्ति लगाने का प्रस्ताव है।

जिला परिषद ने सर्व सम्मति से बस स्टैंड का किया था नामकरण


ज्ञात हो कि इसी वर्ष जनवरी में जिला परिषद ने अध्यक्ष प्रमिला देवी की अध्यक्षता में सर्वसम्मति से बस स्टैंड का नामकरण पूर्व मंत्री रामविलास सिंह यादव के नाम से किया था।
जिला परिषद प्रतिनिधि श्याम सुंदर बताया कि जो अंग्रेजो के दलाल थे वह आज समाजवादियों का अपमान कर रहे हैं। रामविलास सिंह यादव एक बड़े समाजवादी नेता थे। जिनका जिले में अगर कोई अपमान करेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
इस दौरान मुखिया संजय यादव, जिला परिषद सदस्य इंजीनियर सुरेंद्र यादव, पूर्व मुखिया और जन अधिकार पार्टी के नेता सुरेंद्र सिंह ने भी रामविलास सिंह के नाम से छेड़छाड़ करने पर आक्रोश जताया और स्वर्णजीत सिंह को गिरफ्तार करने की मांग की।

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