औरंगाबाद। बिहार सरकार की बड़ी बड़ाई दावे का पोल खोल कर रख दिया है। मदनपुर प्रखण्ड के दक्षिणी उमगा पंचायत के निमीडीह गांव के ग्रामिणों ने, जो श्रमदान और एक दूसरे के सहयोग से सड़क निर्माण में लगे हुये है। यहां देश आजादी के सात दशक के बाद भी मूलभूत समस्याओं जस की तस है। विकास से इस क्षेत्र के लोग महरुम हैं। निमीडीह के ग्रामीणों ने जन प्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों से रोड बनवाने का अपील करते रहे पर किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग पाया। उपेक्षा दंश झेलते रहें। तब निमीडीह के ग्रामीणों ने बिड़ा खुद ही उठाया श्रमदान और सहयोग राशि से रोड का निर्माण कराया जाए। प्रखंड उप प्रमुख प्रतिनिधि सत्येन्द्र यादव के नेतृत्व और सहभागिता से मिट्टी मोरम रोड का निर्माण कराया जा रहा है। रोड निर्माण में जेसीबी मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि रोड जल्द से जल्द निर्माण हो सके। निमीडीह के लोगो का आवागमन की सुविधा मिल सके। सत्येन्द्र यादव ने बताया कि निमीडीह में रोड नहीं रहने से लोगों को परेशानी क्षेलना पडता था। बीमार पडने पर यहां के लोग खट्टियो पर लाद कर इलाज के लिए अस्पताल जे जाया करते थे। इस बावत मुखिया मालती देवी और प्रतिनिधि कौशल किशोर मेहता ने बताया कि निमीडीह में रोड निर्माण का प्रस्ताव लिया गया है।