औरंगाबाद, बिहार।
रिपोर्ट- राजेश रंजन
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री डॉ सुरेश पासवान ने औरंगाबाद शहर में भयंकर पेयजल संकट पर जिला प्रशासन और उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने इस समस्या के लिए शहर के पास स्थित श्री सीमेंट फैक्ट्री को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि श्री सीमेंट परिसर में 700 से 800 फीट अंदर तक 10 से 12 हाई पावर के पंपिंग सेट चलाए जा रहे हैं, जिस कारण काफी तेजी से औरंगाबाद शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर गिरा है। जिसके कारण सैकड़ों की संख्या में घरों में बोरिंग फेल हो गए हैं। जबकि श्री सीमेंट को पानी की आपूर्ति के लिए सोन नदी से पाइपलाइन बिछाने का आदेश दिया गया था। उन्होंने बताया कि अगर श्रीसीमेंट फैक्ट्री इसी तरह से भूजल का दोहन करता रहा तो शहर जल विहीन हो जाएगा।
देखें वीडियो क्या कहा डॉ सुरेश पासवान ने 👇
पूर्व मंत्री डॉक्टर सुरेश पूर्व मंत्री और राजद नेता डॉक्टर सुरेश पासवान ने बताया कि है जल संकट की समस्या से निजात पाने के लिए उन्होंने जिला प्रशासन और नगर परिषद को कई बार सूचना दी लेकिन कभी उनकी तरफ से इस समस्या से निपटने की कोशिश ही नहीं हुई शहर के सभी वार्डों में पंपिंग सेट फेल हैं टैंकर की मदद लेनी पड़ रही है जिस तरह से मंदिर में दर्शन के लिए भीड़ और प्रसाद के लिए लूटमार होती है उसी तरह पानी के लिए औरंगाबाद शहर में त्राहिमाम मचा हुआ है उनके मुहल्ले ही नहीं बल्कि उनके घर का भी पंपिंग सेट सूख चुका है। श्री सीमेंट फैक्ट्री के अंदर 7 से 800 फीट अंदर गहराई में 10 बड़े बड़े काफी पावर के लगभग 100 हॉर्स पावर के पंपिंग सेट चलाए जा रहे हैं जिस कारण शहर और आसपास के दर्जनों गांव का भूजल स्तर काफी नीचे जा चुका है जल है तो जीवन है पानी नहीं तो जिंदगानी नहीं सीमेंट फैक्ट्री में कुछ लोगों को भले ही रोजगार मिला हुआ है लेकिन उसकी बड़ी कीमत औरंगाबाद शहर चुका रहा है। आगे स्थिति और भी भयावह होगी। सप्लाई के लिए पानी टैंकर भी नहीं मिलेगा। अगर जल नहीं रहेगा तब जीवन भी नहीं रहेगा। ऐसी स्थिति में क्या सीमेंट खाकर लोग जिंदा रहेंगे?

सोन नदी से पाइप लाइन के जरिये लेना था पानी, हो रहा भूजल का उपयोग
पूर्व मंत्री डॉ सुरेश पासवान ने बताया कि जहां तक उन्हें जानकारी है कि सीमेंट फैक्ट्री को पानी की सप्लाई सोन नदी से पाइपलाइन के जरिए की जानी थी। भूजल का उपयोग नहीं करना था। सीमेंट फैक्ट्री द्वारा भूजल के उपयोग करने के कारण न सिर्फ गर्मी में बल्कि अन्य मौसम में भी पानी की किल्लत बरकरार रहती है। गर्मी में स्थिति और भी भयावह हो जाती है। इधर चार-पांच वर्षों से बारिश भी कम हो रही है, जिसके कारण भूजल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है।
ऊपर से श्री सीमेंट द्वारा 700 से 800 फीट गहराई में बोरिंग करके भूजल का दोहन किया जा रहा है जो की चिंता का कारण बना हुआ है। श्री सीमेंट फैक्ट्री सौ-सौ हॉर्स पावर के मोटर लगाकर पानी का दोहन कर रहा है।
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उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लिखा पत्र
डॉ सुरेश पासवान ने इस संबंध में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उद्योग मंत्री समीर महासेठ को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि या तो सीमेंट फैक्ट्री चलाइए या फिर औरंगाबाद शहर को अन्यंत्र शिफ्ट कीजिए, दूसरा कोई उपाय नहीं है। दो में से एक को चुनना होगा। जब शहर और आसपास में भूजल स्तर समाप्त हो जाएगा, तब ऐसी स्थिति में लोगों को शहर छोड़ना ही पड़ेगा।
डॉ सुरेश पासवान ने बताया कि वह विनम्रता पूर्वक सरकार से अनुरोध करना चाहते हैं कि शहर के जीवन को बचाइए लोग ही नहीं रहेंगे तो सीमेंट का क्या फायदा यहां अधिकतर लोग घर छोड़कर जा रहे हैं लेकिन नौकरी पेशा और छात्रों को यहां रहना मजबूरी है।
300 फीट नीचे तक भूजल स्तर समाप्त
पूर्व मंत्री और राजद नेता डॉ सुरेश पासवान ने बताया कि औरंगाबाद शहर के लगभग सभी मोहल्लों में 300 फीट तक के बोरिंग सूख चुके हैं। उन्होंने बताया कि वह शहर के सभी गणमान्य लोगों और जिला प्रशासन से इस मुद्दे पर बातें कर रहे हैं कि श्री सीमेंट को भूजल दोहन से शुरू का जाए।