औरंगाबाद, बिहार।
जिले के मदनपुर थाना के प्रभारी आनंद कुमार गुप्ता और मुफस्सिल थाना के प्रभारी देवानन्द को एक पीड़ित का शिकायत दर्ज नहीं करना महंगा पड़ा।
जिले के एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने कार्य के प्रति लापरवाही बरतने के मामले में मदनपुर थानाध्यक्ष आनंद कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया है ।
वहीं मुफस्सिल थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर के निलंबन की अनुशंसा मगध आईजी को की जिसके बाद आईजी ने भी एसपी कांतेश कुमार मिश्रा के द्वारा प्राप्त अनुशंसा के आलोक में मुफस्सिल थानाध्यक्ष को निलंबित कर इसकी सूचना एसपी को दे दी है।
क्या था मामला
घटना के सम्बंध में एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि 27 अगस्त की रात मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ही एक वीडियोग्राफर निरंजन कुमार का कैमरा अपराधियों के द्वारा छीन लिया गया था। अपराधियों के द्वार कैमरा छीने जाने के बाद जब कैमरामैन इस मामले को लेकर मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंचा तो थानाध्यक्ष ने घटना क्षेत्र मदनपुर का बताकर एफआईआर दर्ज नहीं की। उसके बाद पीड़ित कैमरामैन अपने मामले की प्राथमिकी के लिए मदनपुर थानाध्यक्ष से गुहार लगाई ।
लेकिन मदनपुर थानाध्यक्ष ने भी मामला मुफस्सिल थाना का बताते हुए उसे भगा दिया।इस मामले में दोनो थानाध्यक्षो द्वारा कार्य के प्रति लापरवाही की गई और कैमरामैन को बेवजह परेशान किया गया। कैमरामैन निरंजन अपनी प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कभी मदनपुर तो कभी मुफस्सिल थाने का चक्कर लगाता रहा। थक हारकर कैमरामैन ने अपनी शिकायत एसपी कांतेश कुमार मिश्रा से की।

एसपी ने कराई जांच
एसपी के द्वारा जब इस मामले की जांच कराई गई तो मामला सत्य पाया गया। ऐसी स्थिति में कार्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में मदनपुर थानाध्यक्ष आनंद कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया गया और मुफस्सिल थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर देवानंद के लिए को अनुशंसा के लिए भेजा गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए आईजी ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए मुफस्सिल इंस्पेक्टर सह थानाध्यक्ष को निलंबित करते हुए उसकी सूचना औरंगाबाद भेजा।
एसपी द्वारा की गई इस कार्रवाई को लेकर आमजनों में चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग इस कार्य की तारीफ कर रहे हैं।