औरंगाबाद, बिहार।
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कोरोना काल के दौरान मिला वर्क फ्रॉम होम, घर आकर युवक ने शुरू कर दी मशरूम का उत्पादन
कोरोना काल के दौरान हुए लॉकडाउन ने बहुतों की रोजी-रोटी छीन ली थी।
बहुत लोग बेरोजगार हो गए थे।
वहीं कई ऐसे लोग भी थे जिन्हें इसी लॉक डाउन ने रोजगार के नए अवसर प्रदान किये।
हम ऐसे ही एक उच्चशिक्षित नौजवान की चर्चा करने जा रहे हैं जो कि आपदा में अवसर ढूंढा। वो नौजवान हैं औरंगाबाद के करमा रोड में रहने वाले विशाल कुमार सिंह जो कि मल्टीनेशनल कंपनी एल एंड टी के देहरादून में किसी बड़े पद पर कार्यरत थे।


विशाल कुमार सिंह एमबीए करने के बाद राज्य के बाहर में ही नौकरी कर रहे थे कि कोरोना की इस नई बीमारी में कम्पनी ने सभी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का आदेश दे दिया।
विशाल कुमार सिंह ने लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम के लिए वापस औरंगाबाद आ गए।
मूल रूप से जिले के गोह के रहने वाले विशाल को औरंगाबाद में रहने के दौरान मशरूम की खेती की जानकारी मिली। जिसके बाद वे जिला उद्यान पदाधिकारी जितेंद्र कुमार से मिले। इस दौरान उन्होंने शौकिया तौर पर मशरूम का उत्पादन शुरू किया।
इस कार्य की शुरुआत उन्होंने अपनी गौशाला से की। जो फिलहाल खाली पड़ी थी।
मात्र एक कट्ठे की जमीन में उन्होंने विधिवत ढंग से ऐसी व्यवस्था की है कि हर दिन लगभग 25 किलो का फसल निकल रही है।
विशाल सिंह ने बताया कि उन्होंने मशरूम उत्पादन के लिए लगभग 1 कट्ठे की जमीन पर कबाड़ और घर में बचे हुए लकड़ी के सहारे उत्पादन केंद्र बनाया है। जिसमें मात्र 7 हजार रुपए खर्च आये हैं।
उन्होंने बताया कि पहले वे इसे शौकिया तौर पर शुरू किए थे लेकिन अब उन्हें लगता है कि इसे रोजगार का साधन बनाया जा सकता है और अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने परम्परागत खेती करने वाले किसानों से भी अनुरोध किया कि वे भी छोटे पैमाने पर ही सही इसका उत्पादन शुरू करें। क्योंकि इसमें वही चीजें प्रयोग में आती हैं जो किसानों के यहां व्यर्थ जाती हैं।
नहीं है जिले में मांग के अनुरूप आपूर्ति
मशरूम उत्पादन केंद्र संचालक विशाल कुमार सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में काफी स्कोप है। फिलहाल जिले की मांग के अनुरूप औरंगाबाद में सप्लाई नहीं है।