औरंगाबाद, बिहार।
माता पिता की हत्या के मामले में साल 2016 से ही जेल में बन्द अभियुक्त को सश्रम आजीवन कारावास की सजा हुई है। व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के जिला जज ने मामले में फैसला दिया है। सजा के साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में 1 वर्ष की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा होगी।
व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के जिला जज रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने दाउदनगर थाना कांड संख्या 108/16 में सज़ा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए एक मात्र काराधिन बंदी अभियुक्त मखमूलपुर टोला बड़का बिगहा निवासी अरूण कुमार सिंह को सश्रम आजीवन कारावास सुनाई है। लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने बताया कि अभियुक्त को 23 नवम्बर को सुनवाई के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में दोषी ठहराया गया था।
सोमवार को सज़ा की बिंदु पर सुनवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में सश्रम आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना ना देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त साधारण कारावास होगी।
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अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि जघंन्य अपराध के कारण अभियुक्त को आज तक जमानत नहीं मिली थी। अभियुक्त साल 2016 के 26 जुलाई से ही जेल में बंद है।
प्राथमिकी सूचक अभियुक्त के बड़े भाई अशोक कुमार सिंह ने कहा था कि अरूण कुमार सिंह ने पिता राधेश्याम सिंह एवं माता कौशल्या देवी को पेंशन की पैसे के लिए मारपीट कर ज़ख्मी कर दिया था। इसके बाद इलाज़ के दौरान पटना स्थित पीएमसीएच में दोनों की मृत्यु हो गई थी।
वहीं मामले में अभियुक्त को 23 नवम्बर को न्यायालय द्वारा माता-पिता की हत्या का दोषी करार दिया था। जिसपर सोमवार को सजा सुनाई गई।