औरंगाबाद, बिहार।
जिले के बारुण प्रखंड के पिपरा पंचायत मुख्यालय से टोला आज़ाद बिगहा तक लगभग डेढ़ किलोमीटर तक पगडंडी को हरियाली युक्त कर दिया है। यह कारनामा कर दिखाया है पिपरा ग्राम निवासी सूर्यदेव पासवान ने. जिनका एक हाथ वर्षों पहले चारा काटने वाली मशीन में कट गया था। सूर्यदेव पासवान बताते हैं कि वे और कुछ अन्य परिवार पिपरा ग्राम से लगभग डेढ़ किलोमीटर हटकर आज़ाद बिगहा टोले में जाकर बस गए थे। लेकिन रोजमर्रा के कामों के लिए पिपरा ग्राम जाना होता था।
ठंढ के मौसम में तो फर्क नहीं पड़ता था लेकिन गर्मी के दिनों में बुरी तरह से झूलस जाते थे. आज से 15 साल पहले इस झुलसने वाली तपीश से बचने के लिए उन्होंने वृक्षारोपण अभियान शुरू किया। पहले तो उन्होंने एक दो वृक्ष लगाए लेकिन जल्द ही उन्हें इसका जुनून हो गया। पूरे डेढ़ किलोमीटर के रास्ते पर दोनों तरफ से वृक्ष लगाए और लगभग 5 वर्षों तक इसकी देखरेख की। इसके बाद पेड़ जब बड़े होकर लहलहाने लगे आने लगे तो भी उन्होंने अपने कदम नहीं रोका बल्कि दूसरे रास्तों पर वृक्षारोपण करते रहे। आज स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि अब तक वह लगभग 5 हजार वृक्ष लगा चुके हैं।

इस कार्य में उन्हें कभी भी एक हाथ कटे होने का एहसास नहीं हुआ। उन्होंने अपनी अपंगता को कभी कमजोरी नहीं बनने दिया।
स्थानीय निवासी राजेश यादव ने बताया कि इन रास्तों में कहीं कोई वृक्ष नहीं था। एकमात्र पीपल का वृक्ष था जो डेढ़ किलोमीटर तक में खेती करने वाले किसानों और मजदूरों को काम आता था। किसान और मजदूर जब खेत की जुताई करते थे या भोजन करने का समय होता था तो धूप में बैठकर ही उन्हें मजबूरी में भोजन करना होता था। लेकिन जब से सूर्यदेव पासवान ने वृक्षारोपण का बीड़ा उठाया है पूरा गांव हरा भरा दिखने लगा है।