औरंगाबाद, बिहार।
जनवितरण प्रणाली के द्वारा सरकार हर माह लाखों लोगों को भोजन उपलब्ध करा रही है। सरकार द्वारा दिए गए पैसों में बंदरबांट करके बिहार खाद्य निगम के अधिकारी सड़ा और टूटा हुआ चावल उपलब्ध करा रहे हैं। चावल की गुणवत्ता इतना घटिया है कि उपभोक्ता और डीलर में आये दिन नोंक झोंक हो रहे हैं।
इस सम्बंध में फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन के जिला सचिव सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि चावल बिल्कुल खाने लायक नहीं है।
उन्होंने डीलरों से आह्वान करते हुए कहा कि अगर नवंबर में भी इसी तरह का चावल मिला, और गुणवत्ता में कोई सुधार नही हुआ तो डिलर अनाज का बहिष्कार करें और गाड़ी लौटा दें।
- सुनार से ज़ेवर लेकर भागने का आरोपी गिरफ्तार, पत्नी को ज़ेवर दिखाने के बहाने सुनार से 6.5 लाख का ज़ेवर ले भागा था आरोपी
- शादी के 45 दिन बाद ही पत्नी ने करा दी थी प्रियांशु की हत्या, पुलिस का खुलासा, फूफा के साथ 15 साल से थे अवैध संबंध
- समाजवादी नेता मोहन सिंह यादव को पत्नीशोक, 3 जुलाई को श्रद्धांजलि सभा
- 17 वीं पुण्यतिथि पर याद किए गए समाजवादी नेता पूर्व मंत्री स्वर्गीय रामविलास सिंह यादव
- मदनपुर व्यापार मंडल में किसानों को नहीं मिल रहा है खाद, दीवार पर लिखे महत्वपूर्ण मोबाइल नम्बर मिटाए गए
लगातार दो महीने से राशन डीलरों को खुदी और सड़ा हुआ चावल दिया जा रहा है। जिसके कारण डिलर और उपभोक्ताओं के बीच लगातार सम्बंध खराब हो रहे हैं।
जबकि प्रशासन आंख बंद कर सब देख रहा है। यह केंद्र की जनकल्याणकारी महत्वपूर्ण योजना है जिसमें गरीबों को 5 किलो मुफ्त अनाज देने की बात कही गई है। लेकिन बिहार सरकार चावल के नाम पर सिर्फ खुदी दे रही है। जो वितरण के दौरान डिलर उपभोक्ता के बीच बहस और विवाद बढ़ रहा है। जिन उपभोक्ताओं से सम्बंध अच्छा था वह भी टूटे हुए चावल के कारण बिगड़ रहे हैं।
जिला सचिव सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पहले अनाज को जांच कर संतुष्ट हो लें तब जाकर माल उतरवाएं। अनाज खराब होने की स्थिति में गाड़ी वापस कर दें।