औरंगाबाद, बिहार।
जन अधिकार छात्र परिषद के बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष ग्राम पंचायत चौरी के युवा नेता सोनू यादव ने कहा कि दिन रात एक कर पढ़ाई करने वालों युवाओं के लिए पेपर लीक की घटना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है तकरीबन छह लाख अभ्यार्थी के परिश्रम पर प्रशासनिक और सरकारी तंत्र के नाकामी ने पानी फेर दिया है उन्होंने कहा कि बिहार में कोई भी प्रतियोगी परीक्षा बिना पेपर लीक और बिना भ्रष्टाचार के संपन्न नहीं होता है।
सोनू यादव ने कहा कि सरकार इन सभी अभ्यर्थियों से माफी मांगे और उन्हें 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद भी दे। सोनू यादव ने कहा कि बिहार के तमाम संस्थाएं प्रदेश के युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने का कारखाना बन गए हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। एक तो वैकेंसी नहीं निकलती और वैकेंसी निकले तो परीक्षा समय पर नहीं होती और परीक्षा होगी तो पेपर लीक!

आखिर कब तक युवाओं की हक को रद्द करेगी। यह सरकार है युवा साथी ऐसे में क्या करेंगे और रात दिन पढ़ाई करता है। मां बाप एक एक पैसे को जोड़कर अपने बच्चे को देते हैं। बच्चा एक टाइम का खाना खाता है किराए पर रहता है अपने घर परिवार से दूर रहकर पढ़ाई करता है । सालों तैयारी करता है, फिर भी वैकेंसी आती है और पेपर लीक हो जाती है। परीक्षा रद्द, भविष्य खत्म, युवा हताश। उन्होंने कहा कि सभी संस्थानों में भ्रष्ट चेयरमैन का बोलबाला तो है ही, बीपीएससी का चेयरमैन भी वैसा ही भ्रष्ट निकला, ऐसे में छात्र किस पर भरोसा करें।। उन्होंने कहा कि पेपर नहीं जिंदगी लिक हो रही है। सपने और मेहनत लिक हो रहा है समय लिक हो रहा है बच्चों की पढ़ाई में लगी मां बाप के खून पसीने और मेहनत की कमाई लिक हो रही है सड़ी हुई सरकार गली हुई सिस्टम के प्रति लोगों का भरोसा लिक हो रहा है न्यायपालिका से न्याय की उम्मीद लिखो रही है इसलिए हम खुली चुनौती देते हैं कि सरकार और सिस्टम की औकात है तो इस प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन कराने वाले बड़े अफसरों और कर्मियों पर करवाई करें हिम्मत है तो मगरमच्छों और बड़ी मछलियों पर शिकंजा कस के दिखाएं तभी हजार किलोमीटर दूर यात्रा कर के रात भर स्टेशन पर खुले आसमान के नीचे रात गुजारने वाले अभ्यर्थियों और परीक्षार्थियों को न्याय मिलेगा हम इस मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस की निगरानी में जांच की मांग करते हैं और जो भी दोषी हो ऊपर से नीचे तक उन पर कठोर कार्रवाई की मांग करता हूं।