औरंगाबाद, बिहार।
चुनावी मौसम शुरू होते ही एनडीए के कार्यकर्ताओं का विधानसभा स्तरीय सम्मेलन का दौर जारी है। जहां विधानसभा में टिकट की दावेदारी को लेकर नेता अपने-अपने शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। एनडीए के नबीनगर में हो रहे कार्यकर्ता सम्मेलन में टिकट के दो प्रमुख दावेदारों के समर्थक आपस में भिड़ गए, जहां जमकर नारेबाजी हुई। बाद में पुलिस ने मोर्चा संभाला और दोनों तरफ से बैरिकेड लगाकर दोनों के समर्थकों को अलग-अलग किया। मामला पूर्व सांसद वीरेंद्र कुमार सिंह और जदयू नेता संजीव सिंह के बीच का है।
औरंगाबाद के नबीनगर में रविवार को दोपहर आयोजित एनडीए के विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में इसी सीट से टिकट के दावेदार पूर्व सांसद व नबीनगर के पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह और दूसरे दावेदार वरीय नेता संजीव कुमार सिंह मंच पर ही आपस में भिड़ गए। दोनों उलझ पड़े और एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने लगे। इस वजह से मंच और मंच के नीचे कुछ देर तक हंगामा होता रहा और कार्यकर्ता संजीव सिंह जिंदाबाद का नारा लगाते रहे। इस बीच भाजपा के औरंगाबाद जिला प्रभारी त्रिविक्रम नारायण सिंह और लोजपा(रामविलास) के जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण सिंह उर्फ सोनू सिंह ने मोर्चा संभाला और कार्यकर्ताओं तथा दोनों नेताओं को शांत कराया। विवाद की स्थिति तब बनी जब मंच पर औरंगाबाद के पूर्व सांसद व नबीनगर के पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह पहले से ही मंच पर विराजमान थे। इस बीच जदयू के वरीय नेता और नबीनगर से ही टिकट के दावेदार संजीव कुमार सिंह अपने सैकडों की संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ मंच तक पहुंचे। इस बीच उनके समर्थक संजीव के मंच पर चढ़ने के बाद भी संजीव सिंह जिंदाबाद के नारे लगाते रहे।
वही मंच पर पहले से मौजूद पूर्व विधायक वीरेंद्र कुमार सिंह ने विरोध किया और कहा कि इस तरह की परिपाटी गलत है इसी बीच उनके समर्थकों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच मंच संचालन कर रहे नेता के आग्रह पर संजीव सिंह के समर्थक सम्मेलन स्थल पर अपने लिए निर्धारित स्थान पर जाकर बैठ गए। तब जाकर कार्यक्रम आगे बढ़ा और स्थानीय नेताओं का भाषण फिर से शुरू हुआ।
बीच में कई बार हुआ टकराव और नारेबाजी कार्यक्रम में भाषण देते हुए जब जदयू नेता सुरेंद्र सिंह पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह का गुणगान करने लगे तो संजीव सिंह के समर्थक भड़क उठे। उनके द्वारा जोर-जोर से संजीव सिंह जिंदाबाद का नारा लगाने लगे। संजीव के समर्थको की नारेबाजी पर पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह भड़क उठे। मंच पर वें अपनी सीट से उठे और मंच पर ही संजीव के पास पहुंच उन्हे खरी खोटी सुनाने लगे। यह देख संजीव के समर्थक जोर जोर से नारे लगाने लगे, जिससे पूरा कार्यक्रम कुछ देर के लिए हंगामें की भेंट चढ़ गया। हंगामा के कारण ही यह स्पष्ट नही सुना जा सका कि पूर्व विधायक ने संजीव को क्या क्या कहा? इसके बावजूद पूर्व विधायक द्वारा संजीव की ओर अंगुली तानने का आशय साफ है कि वह उन्हे भला बुरा ही कह रहे होंगे। हंगामे को देख भाजपा के जिला प्रभारी त्रिविक्रम नारायण सिंह और एलजेपीआर के जिलाध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह ने मोर्चा संभाला। दोनों ने दोनों नेताओं ही नही बल्कि कार्यकर्ताओं को भी शांत कराया। तब जाकर कार्यकर्ता शांत हुए। हालांकि लोजपा आर के जिलाध्यक्ष के संबोधन के दौरान भी दोनों के समर्थकों में जमकर नारेबाजी हुई।