Sunday, July 6, 2025

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73 सालों के इतिहास में औरंगाबाद लोकसभा से पहली बार जीता कोई गैर राजपूत सांसद, राजद के अभय कुशवाहा ने मारी बाजी

औरंगाबाद, बिहार।


औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन समर्थित राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी अभय कुशवाहा चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के वर्तमान सांसद सुशील कुमार सिंह को हराया है। सुशील कुमार सिंह 3 बार से लगातार सांसद थे। अभय कुशवाहा ने उन्हें लगभग 80 हजार वोटों के अंतर से चुनाव में हराया है।

औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से इस बार बहुत बड़ा उलट फेर देखने को मिला है। लोकसभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन समर्थित राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार अभय कुशवाहा लगभग 79,111 वोटों से चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने तीन बार से लगातार सांसद रहे भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी सुशील कुमार सिंह को शिकस्त दी है।
अपने जीत को लेकर के अब कुशवाहा ने बताया कि वह इस जीत का श्रेय औरंगाबाद लोकसभा की जनता को देते हैं जिन्होंने पिछड़ा के बेटे को लोकसभा में भेज कर कीर्तिमान बनाया है।

राजद प्रत्याशी अभय कुशवाहा ने पहले चरण से जो बढ़त हासिल की उसे लगातार 27 में चरण तक कायम रखा। अभय कुशवाहा की सबसे ज्यादा बढ़त कुटुंब विधानसभा क्षेत्र से हुई थी। वहीं सबसे कम बढ़त इमामगंज विधानसभा से रही।


खास बात यह रही कि अभय कुशवाहा औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के सभी 6 विधानसभाओं में भाजपा प्रत्याशी सुशील सिंह पर भारी रहे। यहां तक की बैलेट पेपर मतदान में भी अभय कुशवाहा को सबसे ज्यादा मत प्राप्त हुए हैं। मतों की संख्या इस तरह रही है।


कुटुंबा(एससी),
अभय कुशवाहा- 74,835, सुशील सिंह- 53402, बढ़त- 21,433

औरंगाबाद,
अभय कुशवाहा- 84,741, सुशील सिंह- 65,774, अंतर- 18,967

रफीगंज,
अभय कुशवाहा- 85,766, सुशील सिंह- 65980, अंतर- 19,786

गुरुआ,
अभय कुशवाहा- 71,892, सुशील सिंह- 64,922, अंतर- 6,970

इमामगंज (एससी),
अभय कुशवाहा- 70,899, सुशील सिंह- 68,271, अंतर- 2,628

टिकारी
अभय कुशवाहा- 75,712, सुशील सिंह- 66,470, अंतर- 9,242

पोस्टल बैलेट से प्राप्त मत-
अभय कुशवाहा-1722 , सुशील सिंह- 1637, अंतर- 85

अभय कुशवाहा को प्राप्त मत- 4,65,567
सुशील कुमार सिंह को प्राप्त मत- 3,86,456

कुल मतों का अंतर- 79,111

औरंगाबाद लोकसभा के इतिहास में 1952 से लेकर अब तक जितने भी चुनाव हुए हैं सब में एक बात समान रही कि यहां जीतने वाला प्रत्याशी राजपूत जाति से ही थे। भले ही यहां विभिन्न पार्टियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी लेकिन जातियों के मामले में समानता बनी रही थी। औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र को मिनी चित्तौड़गढ़ के नाम से जाना जाता था। यह पहली बार हुआ है कि राजपूत जाति से हटकर कोई दूसरी जाति का उम्मीदवार यहां से विजय घोषित किया गया है।

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