हिन्द एक्सप्रेस न्यूज़।
औरंगाबाद, बिहार।
धान कटवाने को लेकर हुए विवाद में गांव के ही दबंगो ने दूसरे किसान की हत्या कर दी। इस घटना में मृतक किसान के दो पुत्र भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मामला जिले के बारुण थाना क्षेत्र के धुरिया गांव की है। जहां खेत में चल रहे हार्वेस्टर को निकलने को लेकर हुए विवाद में एक किसान की हत्या कर दी गई।
जिले के बारुण थाना क्षेत्र के धुरिया गांव में हार्वेस्टर से पहले धान कटवाने को लेकर हुए विवाद में एक किसान की मौत है। घटना गुरुवार की है।
हार्वेस्टर निकालने को लेकर दो पक्षों में हुए मारपीट के दौरान धुरिया गांव के निवासी 65 वर्षीय किसान राम लखन पांडे की मौत हो गई। वहीं उनके दो पुत्र नितेश पांडे और मनीष पांडे घायल हो चुके हैं। घायलों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बारुण में कराया गया है। जहां से बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों ने सदर हॉस्पिटल औरंगाबाद रेफर कर दिया है।

इस घटना में घायल नितेश पांडेय ने बताया कि उनके खेत में हार्वेस्टर से धान कटाई हो रही थी। उसी दौरान उक्त गाँव के ही चितरंजन पांडे,विद्याभूषण पांडे,गुड्डू पांडे,मनोज पांडे और सुरेंद्र पांडे आये लाठी डंडे और रॉड लेकर आए और मारपीट करने लगे। अपराधियों द्वारा किए गए अचानक हमले से उनके पिता राम लखन पांडेय की मौत हो गयी, वहीं वे और उनका भाई मनीष पांडेय घायल हो गए। अचानक हुए इस कमरे में सर पर लगे चोट के बाद हुए खेत में ही घायल होकर गिर पड़े थे जब उन्हें होश आया तब तक सारे अपराधी भाग चुके थे फिलहाल उनका इलाज सदर हॉस्पिटल औरंगाबाद में कराया जा रहा है।
घटना के सम्बंध में बारुण थाना प्रभारी कुमार सौरभ ने बताया कि खेत में हार्वेस्टर मशीन के द्वारा धान काटा जा रहा था। इसी दौरान गांव के ही कुछ आक्रोशित ग्रामीण आकर के राम लखन पांडे एवं उनके परिवार के साथ मारपीट करने लगे। मारपीट के दौरान राम लखन पांडे की मौत हो गई। वहीं दो पुत्र नितेश पांडेय और मनीष पांडेय घायल हो गए हैं। मारपीट के दौरान अपराधी भाग निकले। जिसकी पहचान के लिए पूछताछ जारी है।
बताया जाता है कि धुरिया गांव निवासी चितरंजन पांडे के किसी रिश्तेदार का हार्वेस्टर था। जो रामलखन पांडे के खेत में धान की कटाई कर रहा था। यही बात चितरंजन पांडे को यह बात नागवार गुजरी कि उनके रिश्तेदार का हार्वेस्टर है और उनके खेत की धान की कटाई ना करके रामलखन पांडे के धान की कटाई कर रहा है। इसीलिए वह रामलखन पांडे के खेत में जाकर हार्वेस्टर निकलवा कर अपने खेत में ले जाने लगे, जिसका विरोध रामलखन पांडे ने किया था। सुबह में हुई इस घटना पर गुस्सा करके चितरंजन पांडे और अन्य आरोपी एक राय होकर दोपहर में फिर से रामलखन पांडेय के खेत पर पहुंचे और अचानक उनपर लाठी डंडों और रॉड से हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले में राम लखन पांडे की मौत हो गई और उनके पुत्र नितेश पांडेय और मनीष पांडे घायल हो गए हैं।
घटना के बाद से ही गांव में दहशत का माहौल बन गया है और मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है।
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