देव, औरंगाबाद, बिहार।
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पंचायत चुनाव के नाम पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए का फंड जारी किया गया है।
जहां एक एक कलस्टर पर चुनाव कर्मी को ठहराने के लिए लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन क्लस्टर सेंटर की स्थिति देखकर नहीं लगता कि यहां पर कुछ हजार रुपए भी खर्च किए गए हों।

ताजा मामला देव प्रखंड के सरगांवा पंचायत के विशुनपुर क्लस्टर का है, जहां कड़ाके की ठंड में चुनाव कर्मियों के लिए विद्यालय के बरामदे में बिस्तर लगाए गए हैं। जहां कंबल की भी व्यवस्था नहीं है।ज्ञात हो कि चुनाव कराने के लिए रात्रि में ही चुनाव कर्मियों को क्षेत्र में भेज दिया जाता है। जहां उन्हें ठहरने के लिए एक पंचायत में एक क्लस्टर सेंटर की व्यवस्था की जाती है। जहां उनके ठहरने, सोने के लिए बिस्तर और ओढ़ने के लिए कंबल की व्यवस्था की जाती है ।

लेकिन देव प्रखण्ड के सरगांवा पंचायत के विशुनपुर क्लस्टर स्थानीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।
जहां दिसंबर के इस कड़ाके की ठंड में चुनाव कर्मियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। जहां बरामदे में बिस्तर लगा कर उन्हें ठंड में सिकुड़ने को मजबूर कर दिया गया है। ऐसे में मतदान कर्मी बैठकर रात बिताने को मजबूर हैं।
ऐसा ना सिर्फ सरगांवा पंचायत के विशुनपुर में है बल्कि अन्य सभी क्लस्टर पर ऐसी ही अनियमितता देखने को मिली है।