Tuesday, July 8, 2025

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जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने द स्टडी क्लास के छात्रों को किया सम्मानित, 1 छात्र बीपीएससी में तो 11 दरोगा में हुए थे चयनित

औरंगाबाद, बिहार।

समाहरणालय परिसर स्थित योजना भवन के सभागार कक्ष में शुक्रवार को शहर में शाहपुर में संचालित द स्टडी क्लास के सफल दरोगा के 11 एवं बीपीएससी के एक अभ्यर्थियों को डीएम सौरभ जोरवाल, एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार, उपनिर्वाचन पदाधिकारी जावेद इकबाल एवं जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने सम्मानित किया।

इस दौरान छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि शिक्षा का दीप जला कर छात्र-छात्राएं देश का नाम रोशन करें। शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिससे जीवन में ऊंचे मुकाम तक पहुंच सकते हैं। डीएम ने अमृत की व्याख्या की।

जिला पदाधिकारी ने सभागार में उपस्थित छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा ग्रहण कर बेहतर इंसान बनने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विद्या के प्रकाश से अंधकार दूर हो जाती है। शैक्षणिक, बौद्धिक एवं मानसिक रूप से छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ने की जरूरत है जो छात्र-छात्राएं शिक्षित हो रहे हैं वे गरीब बच्चों को शिक्षा देकर उन्हें शिक्षित बनाएं ताकि समाज में वे एक अच्छे मुकाम हासिल कर सकें।

सफल महिला अभ्यर्थी को सम्मानित करते औरंगाबाद डीएम सौरभ जोरवाल

डीएम ने कहा कि जो बेहतर करता है वह आगे बढ़ता है। प्रतियोगिता परीक्षा के अंक पर ध्यान न देते हुए निरंतर मेहनत जारी रखें, सफलता कदम चूमेगी। अभिभावकों से डीएम ने आग्रह करते हुए कहा कि बच्चों की असफलता पर कतई नकारात्मक टिप्पणी न करें। छात्र-छात्राओं से कहा कि रणनीति तय कर वे पढ़ाई करें। जिस विषय में रुचि है उसकी विषय को चुनें और पढ़ाई करें। सभी छात्र उच्चकोटी के मानवतावादी बनें।

सफल अभ्यर्थियों को सम्मानित करते जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल (फ़ोटो- हिन्द एक्सप्रेस न्यूज़)

सफल छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए एसडीएम ने कहा कि ऐसे मेधावी छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ने से प्रेरणा मिलती है। जिले में शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में प्रतिभावान छात्र-छात्राओं की कमी नहीं है। खेल से लेकर शिक्षा तक में युवक एवं युवतियों में प्रतिभा है। जरूरत है उन्हें ऐसे कार्यक्रमों में शामिल कर उत्साह बढ़ाने की।

एसडीएम ने कहा कि मौजूदा समय में शिक्षा के साथ छात्र-छात्राओं को इंजीनियरिग, मैनेजमेंट, आइटी, कंप्यूटर जैसी शिक्षा जरूरी है। उच्च शिक्षा के साथ तकनीकि शिक्षा को बढ़ावा मिलनी चाहिए। कहा कि नक्सल इलाके के बच्चे भी सफलता का परचम लहरा रहे हैं। यह सकारात्मक माहौल का परिणाम है।

उन्होंने समाज के हर तबके के लोगों के अलावा संगठन के लोगों को मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित कर बेहतर प्लेटफार्म देने की बात कही। जिला उपनिर्वाचन पदाधिकारी ने छात्र-छात्राओं से कहा कि सफलता का कोई शार्टकट रास्ता नहीं है। जीवन में सफलता पाने के लिए मेहनत करना जरूरी है। प्रतिभा समय के साथ उम्मीद का महत्व बनाती है। छात्र-छात्राएं अपने प्रतिभा के साथ हमेशा न्याय करें। अपने आप को बेस्ट सिद्ध करें। हर परिस्थिति से लड़ने को तैयार रहें, कभी घबराएं नहीं।

उन्होंने कहा कि केवल पढ़ाई कर नंबर पाना सफलता नहीं है। सफलता का मतलब जीवन में आगे बढ़ने के लिए अपना मूल्यांकन करना होता है। डीपीआरओ ने कहा कि स्वच्छ वातावरण में शिक्षा का विकास संभव है। महाविद्यालय हो या विद्यालय या कोचिंग संस्थान, सभी जगह शिक्षक एवं छात्रों के बीच सामंजस्य स्थापित करना चाहिए ताकि बेहतर शिक्षा मिल सके। छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए अपने आप को तैयार करना होगा। सम्मान से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। उत्साह बढ़ता है। साथ ही सभी बच्चे पर्यावरण संरक्षण के प्रति आगे आएं।

संस्थान के निदेशक ई. सुरेंद्र यादव एवं शिक्षक शशिरंजन कुमार ने छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। बीपीएससी परीक्षा पास कर राजस्व अधिकारी बनी श्वेता कुमारी, दरोगा बने प्रिया सिंह, विकास आनंद, प्रफुल कुमार, ध्रुव कुमार, धनंजय कुमार, मृत्युंजय कुमार, गोपाल कुमार एवं मुकेश कुमार को सम्मानित किया गया।

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