औरंगाबाद, बिहार।
जिले के बारुण प्रखंड के पिपरा पंचायत को एक साथ जोड़ने के लिए मुखिया प्रीति कुमारी ने पटना कैनाल पर पुल और सम्पर्क पथ की मांग की है. यह मांग उन्होंने काराकाट सांसद कामरेड राजाराम सिंह से की है. इस संबंध में एक मांग पत्र मुखिया प्रतिनिधि विजय सिंह यादव ने सांसद को सौंपा, इस दौरान उनके साथ समाजसेवी अनिल यादव भी मौजूद थे.

अपने मांग पत्र के संबंध में पिपरा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि विजय सिंह यादव ने बताया कि पंचायत मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित है. जो पटना कैनाल से पूरब और पश्चिम में है. पिपरा पंचायत मुख्यालय से इन गांवों में जाने के लिए ओबरा प्रखंड के डिहरा गांव से होकर जाना पड़ता है. इसके अलावे नहर के पूर्वी छोर पर मौजूद गांव के लोगों को बारुण दाउदनगर पथ पर पहुंचना भी मुश्किल होता है. पंचायत के किसानों की जमीन मुख्य नहर के दोनों तरफ है जिसके चलते पंचायत के लोगों को एक दूसरे के गांव में जाने या खेती करने के लिए पटना कैनाल नहर के पूर्व पश्चिम आने जाने के लिए 10 किलोमीटर की दूरी तय करके ओबरा प्रखंड के डिहरा ग्राम से होकर जाना होता है. जिससे समय की भी हानि होती है. इसलिए पंचायत के सभी लोगों के भावनाओं का सम्मान करते हुए पटना कैनाल 14.5 किलोमीटर की दूरी पर पुल और सम्पर्क पथ का निर्माण कराना आवश्यक है.
नहर पर पुल का निर्माण होने से आने जाने की दूरी घटकर मात्र 2 किलोमीटर रह जाएगी एवं भारी वाहन, ट्रैक्टर, ट्रक और अन्य छोटी गाड़ियों के आने जाने की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी.
आसपास के 2 दर्जन गांवों को होगा फायदा
पटना कैनाल के 14.5 किलोमीटर पर पुल और सम्पर्क पथ के निर्माण होने से आसपास के 20 गाँवों को फायदा होगा. जिन्हे बारुण डिहरी या वाराणसी जाने के लिए एनएच 139 से लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है उन्हें भी लगभग 35 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी. जिसमें प्रमुख गांव में कारा, बबनडीहा, अतरौली शिशो बीघा, पूर्णाडीह, बरौली, हाथीखाप, रामपुर धनगाई, तेलडीहा, करमा समेत दो दर्जन से अधिक गांवों को लाभ मिलेगा.