औरंगाबाद, बिहार।
सदर अस्पताल में प्रसव के लिए आई जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई। मृतिका की पहचान नबीनगर के टंडवा थाना के रामसागर गांव की रहने वाली गीतांजलि देवी के रूप में हुई है। जो मायका से प्रसूति कराने ओबरा पीएचसी में गई थी जहां से उसे सदर हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था।
बताया जाता है कि टंडवा थाना क्षेत्र के रामसागर गांव निवासी छोटू कुमार उर्फ रवि की पत्नी गीतांजलि देवी थी। मृतका के पति ने बताया कि पत्नी का मायका जम्होर थाना के बैदाही गांव में थी। गर्भवती होने के बाद से उसकी पत्नी मायके में ही रह रही थी। बताया कि गुरूवार की सुबह करीब 9 बजे उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। इसके बाद परिजन उसे लेकर ओबरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। पीएचसी ओबरा में ड्यूटी पर उपलब्ध डॉक्टर ने समय पूरा नहीं होने की बात कहकर वापस घर ले जाने को कहा।
रात 9 बजे फिर दर्द शुरू हुआ। इसके बाद डॉक्टरों ने कहा कि द्वारा बोला गया कि प्रसव होगा। इधर-उधर टहलाइए, दर्द के बावजूद जच्चा को इधर-उधर टहलाया गया लेकिन स्थिति बिगड़ने लगी। जब उनलोगों ने दबाव बनाया तो डॉक्टरों ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया।
गीतांजलि देवी को जब वे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे तब डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में मातम पसरा हुआ है। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।