औरंगाबाद- पिछले 27 वर्षों से फरार चल रहे एक नक्सली को गुरुवार को जिले की पुलिस ने धर दबोचा है। फरार नक्सली नाम और भेष बदलकर भागने की कोशिश कर रहा था लेकिन पुलिस के बिछाए जाल में वह उलझ गया। गिरफ्तार नक्सली पर कई मामले दर्ज थे। उसे गया जिले के गुरारू में एक गोदाम के पास से गिरफ्तार किया गया है।
औरंगाबाद जिलर की पुलिस को दोहरी सफलता हाथ लगी है। एक ओर जहां 27 साल से फरार चल रहे हार्डकोर नक्सली की गिरफ्तारी हुई। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने टॉप-10 में शामिल अपराधियों में एक ट्रक लूटेरे को भी गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक अम्बरीष राहुल ने गुरूवार को बताया कि गोह प्रखंड में बंदेया थाना क्षेत्र के गंगटी गांव निवासी हार्डकोर नक्सली सुरेंद्र रविदास उर्फ ब्रजेश जी नक्सली घटना को अंजाम देने के बाद वर्ष 1998 से फरार चल रहा था। वह पुलिस की नजरों से खुद को बचता-बचाता फरारी काट रहा था।
एचडीएफसी ने गया जिले से पकड़ा
इस बीच बंदेया थाना की पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि विभिन्न मामलों में 27 साल से फरार चल रहे हार्डकोर नक्सली सुरेंद्र रविदास उर्फ ब्रजेश जी को गया जिले के गुरारू थाना क्षेत्र में जंगलडीहा गांव के निकट स्थित एफसीआई गोदाम के पास देखा गया है। बंदेया थानाध्यक्ष ने इसकी सूचना उन्हे दी। सूचना मिलते ही उन्होने सूचना के सत्यापन के लिए दाउदनगर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कुमार ऋषिराज के नेतृत्व में एक पुलिस की एक विशेष टीम गठित की। साथ ही टीम को गया जाकर उस इलाके में छापेमारी करने का निर्देश दिया। निर्देश के बाद पुलिस की विशेष टीम गया गई। टीम ने जंगलडीहा और एफसीआई गोदाम के पूरे इलाके में जाल बिछाया। कई जगहों पर छापेमारी के बाद और फरार नक्सली पकड़ा गया। एक साल की होती थी नक्सली ट्रेनिंग
एसपी अम्बरीष राहुल ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद हार्डकोर नक्सली सुरेंद्र रविदास उर्फ ब्रजेश जी ने पुलिस के समक्ष बड़ा खुलासा किया है। उसने पुलिस को बताया कि नक्सलियों को ट्रेनिंग देने के लिए अघोषित नक्सली सेंटर चलती है। इस ट्रेनिंग सेंटर में तरह-तरह के हथियारों को चलाने से लेकर माओवादी विचारधारा की बौद्धिक स्तर की ट्रेनिंग एवं अन्य प्रकार का जरुरी प्रशिक्षण दिया जाता है। उसने खुद गया जिले के अति नक्सल प्रभावित गुरपा के इलाके में ऐसी ही नक्सली ट्रेनिंग सेंटर में एक साल का माओवादी प्रशिक्षण 2003 में लिया था। इस प्रशिक्षण के बाद उसकी कार्य कुशलता बढ़ी और उसने कई नक्सली घटनाओं को सफलतापूर्वक अंजाम दिया तथा संगठन को आगे बढ़ाने का काम किया।
कई मामले थे दर्ज
एसपी अम्बरीष राहुल ने बताया कि गिरफ्तार हार्डकोर नक्सली का अच्छा-खासा आपराधिक इतिहास रहा है। वह औरंगाबाद जिले में गया जिले की सीमा से सटे गोह के इलाके और गया जिले में बेहद सक्रिय था। उस पर गया जिले के परैया थाना में प्राथमिकी कांड संख्या-40/2003, गुरारु थाना में कांड संख्या-23/2009, कोंच थाना में कांड संख्या-46/2010 एवं आमस थाना में कांड संख्या-88/2011 दर्ज है। इन मामलों में पुलिस उसे सरगर्मी से तलाश रही थी।
11 साल से फरार एक हार्डकोर नक्सली ने किया कोर्ट में सरेंडर
एसपी ने बताया कि औरंगाबाद जिले में नक्सलियों के खिलाफ लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। नक्सलियों के विभिन्न संदिग्ध ठिकानों पर दबिश और छापेमारी की जा रही है। पुलिसियां दबिश और छापेमारी के कारण एक हार्डकोर नक्सली ने औरंगाबाद के न्यायालय में आत्मसमर्पण किया है। सरेंडर करने वाला नक्सली मुजाहिद हुसैन मदनपुर थाना क्षेत्र के जुड़ाही गांव का निवासी है। उस पर मदनपुर थाना में कांड संख्या-137/2014 तथा पांच और मामले दर्ज है। इन मामलों में पुलिस उसे पिछ्ले 11 साल से सरगर्मी से तलाश रही थी और आखिरकार उसने पुलिसियां दबिश के कारण कोर्ट में सरेंडर कर दिया। टॉप टेन अपराधी भी हुआ गिरफ्तार
एसपी अम्बरीष राहुल ने बताया कि पुलिस ने हसपुरा थाना क्षेत्र में 2016 में हल्दी लदे ट्रक की हुई लूट के मामले में ट्रक लूटेरा गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार ट्रक लूटेरा रोहित तिवारी उर्फ रोहित पांडेय रोहतास जिले का निवासी है। गिरफ्तार ट्रक लूटेरा औरंगाबाद के टॉप-10 अपराधियों में शामिल है। इसे लेकर टॉप-10 में शामिल तीन अपराधियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं 7 अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस लगातार कार्य कर रही है।
Byte- अम्बरीष राहुल, एसपी, औरंगाबाद