औरंगाबाद, बिहार।
झारखंड राज्य के पलामू जिले के बरदाग पिपरा थाना के पिपरा ग्राम का युवक पिछले 5 दिनों से लापता था। वह भटक कर बिहार के औरंगाबाद जिले के जम्होर थाना क्षेत्र के पिपरा ग्राम में पहुंच गया था। जो कि पिछले 4 दिनों से गांव में ही रह रहा था। विक्षिप्त युवक ने अपना नाम रंजीत राम पिता का नाम शिवनन्दन राम बताया था। इसी आधार पर छानबीन करने के क्रम में स्थानीय युवक आशीष कुमार पिता राजेन्द्र राम ने उसका फ़ोटो कई व्हाट्सएप ग्रूप में भेजा था।

जम्होर थाने के पिपरा ग्राम के रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक यदुनन्दन पासवान की पुत्री की ससुराल भी बरदाग ग्राम में ही है। उनलोगों ने भी आसपास के लोगों को सूचना दिया।
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सूचना के बाद विक्षिप्त युवक के परिजनों का पता चला। जिसके बाद परिजनों ने जम्होर थाने के पिपरा ग्राम के युवक सच्चिदानंद के फोन नम्बर पर सम्पर्क किया। बातचीत के बाद भी संदेह दूर करने के लिए परिजनों ने वीडियो कॉल किया। वीडियो कॉल पर बातचीत करने के पश्चात परिजन गांव से स्कोर्पियो वाहन से बुधवार की मध्य रात्रि को ही बरदाग पिपरा से जम्होर थाने के पिपरा ग्राम पहुंचे। जहां ग्रामीणों के बीच विक्षिप्त युवक को पाकर वे भावुक हो गए। विक्षिप्त युवक रंजीत राम के पिता शिवनन्दन राम ने बताया कि उनके पुत्र को ग्रामीण बड़े अच्छे से रखे हुए थे। रात में जब वे वहां पहुंचे तो पुआल जलाकर उसे ठंड से बचाकर ग्रमीणों ने उनपर अहसान किया है। यह अहसान वे जीवन भर याद रखेंगे।

पिपरा गांव के नाम से हो गया कन्फ्यूजन, किसी ने इस गांव में लाकर छोड़ दिया
औरंगाबाद जिले के बारुण प्रखण्ड के पिपरा ग्राम के ग्रामीणों ने बताया कि 17 दिसंबर की शाम को किसी ने उसे इस गांव में लाकर छोड़ दिया था। हालांकि युवक अपना गांव का नाम पिपरा ही बता रहा था। जोकि पलामू जिले का बरदाग पिपरा था। हालांकि 5 दिन के बाद परिजन उसे अपने साथ लाए स्कोर्पियो वाहन में बैठाकर ले गए। उनके साथ उनके गांव के पंचायत समिति सदस्य समेत अन्य लोग आए थे।