औरंगाबाद, बिहार।
जिला मुख्यालय पर स्थित सदर अस्पताल में उस वक्त अफरा तफरी की स्थिति बन गई जब एक महिला मरीज की मौत हो गई। इलाज के दौरान एक महिला की स्थिति जब गंभीर हो गई तो उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। हायर सेंटर पहुंचने से पहले ही महिला की मौत हो गई। मृतक की पहचान बारुण थाना क्षेत्र के जनकोप निवासी मनीषा कुमारी के रूप में हुई है।
बताया जाता है कि महिला की मौत की सूचना जैसे ही परिजनों को मिली वे आक्रोशित हो गए। परिजन सदर अस्पताल के चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए महिला के शव को अस्पताल के ओपीडी में रखकर न सिर्फ जमकर हंगामा किया बल्कि आंशिक तोड़ फोड़ भी की।
मृतक महिला के परिजनों द्वारा हंगामा किए जाने के कारण अस्पताल से सभी नर्स एवं चिकित्सक जान बचाकर फरार हो गए। सदर अस्पताल में हंगामा की सूचना मिलते ही नगर थानाध्यक्ष सतीश बिहारी शरण और सदर अंचलाधिकारी अंशु कुमार दल बल के साथ पहुंचे। अधिकारियों ने परिजनों को काफी मशक्कत के बाद शांत कराया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतका मनीषा कुमारी बारुण थाना क्षेत्र के जनकोप निवासी अमरेंद्र सिंह की पत्नी थी और शहर के सत्येंद्र नगर में अपने पति के साथ किराए के मकान में रहती थी।

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मृतका की बहन प्रिया कुमारी ने बताया कि उसकी बहन को उल्टी दस्त की शिकायत थी और पैखाने के रास्ते से खून निकल रहा था।गुरुवार को उसने अपनी बहन का इलाज कराने सदर अस्पताल लाई थी। डॉक्टर के परामर्श पर हरेक जांच करवाकर रिपोर्ट सौंपी। चिकित्सक ने खून की कमी बताई और ब्लड की व्यवस्था करने को कहा। दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था भी उनलोगों ने की थी लेकिन डॉक्टर ने ब्लड नहीं चढ़ाया।
दूसरे दिन शुक्रवार को चिकित्सक ने स्थिति को गंभीर बताते हुए रेफर कर दिया लेकिन हॉस्पिटल में ही मौत हो गई।
प्रिया ने बताया कि यह पूरी तरह से चिकित्सकों की लापरवाही है। उसने सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात दोनों डॉक्टरों पर करवाई करने की मांग की है।