अम्बुज कुमार
हसपुरा, औरंगाबाद, बिहार।
जिले के हसपुरा प्रखंड के समता उच्च विद्यालय मलहरा में सेवा के अंतिम दिन वहां के प्रधानाध्यापक कुलदीप चौधरी जी को विद्यालय परिवार द्वारा सम्मानित करते हुए शानदार विदाई दी गई। अपने संबोधन के समय वे अत्यंत भावुक हो गये थे। लम्बे समय की सेवा और अपने लोगों के साथ बने आत्मीय संबंधों में अचानक से रुकावट आने पर व्यक्ति का भावविह्वल होना स्वाभाविक होता है।
कार्यक्रम का आरंभ आगत अतिथियों द्वारा फीता काटकर किये जाने के उपरांत स्वागत में गीत प्रस्तुति हुई। खुद अपने हाथों से कुलदीप बाबू ने अतिथियों को पुष्पहार एवं बिहारी अस्मिता का प्रतीक गमछा देकर सम्मानित किया। यह बताता है कि आज के दिन तक उनकी जिम्मेदारी कम नहीं हुई है।
विद्यालय के शिक्षकों के अलावे इस सम्मान समारोह को बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष सारंगधर सिंह,राज्य कार्यकारिणी सदस्य सुरेंद्र कुमार उमा बाबू, पूर्व अध्यक्ष हजारी सिंह, प्रमंडल संयुक्त सचिव अम्बुज कुमार (इन पंक्तियों के लेखक), दाउदनगर अनुमंडल सचिव राजकुमार सिंह, अध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार,दाउदनगर प्रखंड सचिव राजुनन्दन सिंह, हसपुरा सचिव सुरेंद्र कुमार, सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता पूर्व मुखिया विजय कुमार अकेला,प्रो सत्येंद्र कुमार,पंचायत जनप्रतिनिधियों आदि वक्ताओं ने संबोधित करते हुए समाज एवं राष्ट्र की उन्नति में शिक्षा, शिक्षक एवं शिक्षालयों की महत्ता को प्रतिपादित किया।

बघोई उच्च विद्यालय की शिक्षिका विनीता कुमारी ने कविता गायन के माध्यम से छात्रों को प्रेरित करते हुए कुलदीप बाबू के प्रति भी सम्मान प्रकट किया। पटेल इंटर विद्यालय के शिक्षक एवं मलहरा निवासी नीरज कुमार नवीन ने व्यासी अंदाज में “बस इतने दिनों का साथ था,,,, हमारा तुम्हारा,,, हमारा तुम्हारा,,,,,” गाकर शमां को मार्मिक बना दिया। इस गीत ने महसूस करा दिया कि आज चौधरी जी विदा हो रहे हैं।।
इस कार्यक्रम में शानदार विदाई दी गई, लेकिन समय अभाव में कुछ समस्याएं पैदा हुई। हालांकि यह स्वाभाविक है। बहरहाल, ऐसे कार्यक्रमों से विद्यार्थियों को भी सीखने का मौका मिलता है और अन्य कर्मियों को भी अभिप्रेरणा मिलती है।
कुलदीप सर एक खुले दिमाग के योग्य प्रधानाध्यापक, मिलनसार,हँसमुख, व्यवहारिक व्यक्तित्व के धनी रहे हैं। सरकारी सेवा के साथ सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में भी वे सदैव तत्पर रहे हैं। उनसे मेरी मुलाकात सामाजिक आयोजनों, शैक्षणिक प्रशिक्षणों,मूल्यांकन केंद्रों में अक्सर होती रही है। उनका प्रमुख गुण रहा है कि वे छोटे या बड़े सभी से गर्मजोशी से मिलते रहे हैं। आज सरकारी कार्यभार से मुक्ति के उपलक्ष्य में हम पूरे संगठन की ओर से उनके स्वस्थ, सानंद पारिवारिक जीवन की कामना करते हैं। सम्प्रति वे संगठन के साधारण पार्षद हैं। हम आशा करते हैं कि सार्वजनिक रूप से शिक्षकों एवं शिक्षा के हित में संघर्ष को जारी रखेंगे।
लेखक राष्ट्रीय इंटर विद्यालय दाउदनगर में शिक्षक हैं।