औरंगाबाद, बिहार।
माता पिता की हत्या मामले में 6 साल से जेल में बन्द आरोपी को जिला जज ने मुजरिम करार दिया है। जिसकी सजा 28 नवम्बर को सुनाई जाएगी। अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत भी नहीं दी गई थी।
औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के जिला जज रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को दाउदनगर थाना कांड संख्या 108/16 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधिन बंदी अभियुक्त अरूण कुमार सिंह मखमूलपुर टोला, बड़का बिगहा दाउदनगर को माता पिता के हत्या का दोषी ठहराया है। लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने बताया कि अभियुक्त 26 जुलाई 2016 से जेल में बंद है।
जघंन्य अपराध के कारण न्यायालय द्वारा अभी तक जमानत नहीं दी गई है। अभियुक्त को 28 नवम्बर को सज़ा सुनाई जाएगी।

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक अभियुक्त के बड़े भाई अशोक कुमार सिंह ने प्राथमिकी में बताया था कि उनकी माता कौशल्या देवी और पिता राधेश्याम सिंह
से उनका छोटा भाई अरूण कुमार सिंह पेंशन का रूपये मांग रहा था। पैसा नहीं मिलने पर पिता के साथ कुल्हाड़ी से मारपीट की। बचाने आयी मां पर भी हमला कर दिया जिससे दोनों घायल हो गए। हल्ला सुनकर गांव के लोग आ गए तो अभियुक्त भाग निकला।
घटना के बाद अनुमंडल अस्पताल दाउदनगर में घायल अवस्था में माता पिता का इलाज के लिए ले गए, जहां गंभीर स्थिति होने के कारण पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। 2 दिनों के इलाज के बाद पीएमसीएच में ही पिता राधेश्याम सिंह की मृत्यु हो गई। जबकि एक दिन पहले ही माता कौशल्या देवी की भी मृत्यु हो गई थी।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि 18 अक्टूबर 2016 को पुलिस द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिसमें कहा गया था कि इलाज के क्रम में अभियुक्त के माता पिता की पीएमसीएच में मृत्यु हो गई है। आरोप पत्र अभियुक्त के खिलाफ भादंसं धारा 302 के अंतर्गत न्यायालय में पेश किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अलावे महत्वपूर्ण गवाहों के गवाही के आधार पर न्यायाधीश ने अभियुक्त को माता पिता की हत्या का दोषी करार दिया है।
साल 2016 का सबसे इस चर्चित मामले में 28 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी।