औरंगाबाद, बिहार।
जिले के फेसर थाना क्षेत्र में 2 वर्ष पहले नाबालिग के साथ अपहरण और जबरन सम्बन्ध बनाने के मामले में अभियुक्त को 10 वर्ष की सजा हुई है। इसके अलावे जुर्माना भी लगाया गया है।
व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडीजे सह स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ब्रजेश कुमार पाठक ने फेसर थाना कांड संख्या 95/20 में सज़ा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र अभियुक्त चतरा गांव निवासी मोहित कुमार को सज़ा सुनाई है।

स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि अभियुक्त को दिनांक 19 नवम्बर को भारतीय दंड संहिता की धारा में दोषी पाते हुए जमानत रद्द करके जेल भेज दिया गया था।
स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि इस वाद में चिकित्सक, अनुसंधानकर्ता समेत सात गवाहों ने गवाही दी थी जिसमें अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 366 ए में पांच साल की सजा एवं चार हजार जुर्माना लगाया है। वहीं धारा 363 में तीन साल की सजा एवं तीन हजार जुर्माना लगाया है। इसके अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा चार में 10 साल की सजा एवं पांच हजार जुर्माना लगाया गया है। वहीं जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास होगा।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि मामले में नाबालिग लड़की के पिता ने प्राथमिकी दर्ज कराया था। जिसमें सूचक ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने अपने दो मित्रों के साथ मिलकर शाम के वक्त अपहरण कर लिया और पटना ले जाकर अभियुक्त ने पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाया था। वहीं इसके बाद कई दिनों नाबालिग को अपने साथ रखकर फेसर में लाकर छोड़ गया था।