बिहार में लोगों ने बरसात कराने के लिए अजीबो गरीब काम किया। हजारों रुपये ख़र्च कर कराया मेढ़क और मेढ़की की शादी।
औरंगाबाद, बिहार।
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आधा सावन बितने को आया लेकिन जिले में धान की रोपनी अभी शुरू भी नहीं हुई है। बारिश नहीं होने के कारण धरती सूखी पड़ी है। बारिश के लिए जिले के हसपुरा प्रखंड के अहियापुर एवं अल्पा गांव में सोमवार एवं मंगलवार की रात को मेढ़क और मेढ़की की शादी कराई गई। यह शादी विधि विधान से ब्राह्मण पुरोहित की उपस्थिति में सम्पन्न हुई।


औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र में बारिश के लिए मेढ़क और मेढ़की की शादी कराई गई। अहियापुर और कल्पा गांव में महिलाओं का उत्साह देखते ही बनता था। जब वह दरवाजा लगते समय मंगलचारण गीत गा रही थी, तो ऐसा लग रहा था मानो सचमुच में किसी की बारात आई है और दूल्हे की द्वार पूजा हो रही है। लोगों का उत्साह देखते बन रहा था। गाजे-बाजे के साथ गई बारात को महिलाओं ने गीत गाकर स्वागत किया। यह वर्षा के लिए मेंढक-मेंढकी की शादी थी।
मेढ़क मेढकी की शादी से बारिश की है मान्यता
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने समय से ही बारिश नहीं होने की स्थिति में मेंढक और मेढ़की की शादी कराई जाती है। जिससे कि इंद्र देवता प्रसन्न होकर बरसात करते हैं। इन दिनों बिहार के औरंगाबाद और आसपास के जिलों में बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। कहीं भी धान की रोपनी शुरू नहीं हो सकी है। यही कारण है कि हसपुरा थाना के अल्पा गांव में सोमवार और अहियापुर में मंगलवार को शादी कराई गई। गांवों में ऐसी परंपरा रही है कि अगर वर्षा नहीं हो रही है तो मेंढ़क की शादी कराने से होने लगती है।
विदाई के समय हुई सचमुच की बारिश
मंगलवार की रात मेढ़क और मेढ़की की विवाह के बाद विदाई की रस्म निभाई जा रही थी तभी आसमान से जोरदार बारिश हुई। जिससे ग्रामीणों का इस प्रथा पर विश्वास और पुख्ता हो गया।
मौसम विभाग ने भी 19 जुलाई को बारिश की जताई थी संभावना
कृषि विज्ञान केंद्र औरंगाबाद में कार्यरत कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार चौबे ने भी 19 जुलाई से बारिश होने की संभावना व्यक्त की थी। इसके लिए बकायदा मौसम विभाग ने एक बुलेटिन भी जारी की थी। डॉ अनूप कुमार चौबे ने बताया कि पूर्व से ही निर्धारित थी कि 19 जुलाई को बरसात हो सकती है।
ग्रामीण बने मेढ़क और मेढ़की के पिता, हुआ कन्यादान
सोमवार को अल्पा गांव में तुलसी जीविका की सीएम के नेतृत्व में मेढ़क की शादी कराई गई।
मेढ़क की शादी में विवाह की सभी रस्में पूरी की गई। अहियापुर गांव में नर मेंढ़क के पिता रितेश कुमार एवं मादा मेढ़क के पिता का रोल भिखर पासवान ने निभाई। मेढ़क बने दूल्हे का स्वागत अहियापुर गांव में सरिता देवी, सुमन देवी, कौशल्या देवी एवं चंद्रमणि देवी के साथ सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने की। पंडित की भूमिका में ओमप्रकाश पंडित रहे जिन्होंने मंत्रोच्चारण के बीच शादी कराई। हनुमान मंदिर परिसर में हो रही शादी देखने दूसरे गांव से लोग पहुंचे थे।
भोजन की भी थी व्यवस्था
दुल्हन और दूल्हे के कपड़ों में लिपटे मेंढक और मेढ़की को देखकर बिल्कुल शादी का ही माहौल प्रतीत हो रहा था।
इतना ही नहीं बाराती और सराती को खाने के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। हालांकि शादी के बाद बारिश होने से ग्रामीणों में इस प्रथा के प्रति विश्वास और जम गया है। हालांकि हिन्द एक्सप्रेस न्यूज़ hindexpressnews.com कभी भी अंधविश्वास का समर्थन नहीं करता है।